Thursday, August 6, 2009
कार्ड खरोचन मशीन
दफ्तर से वापस लौटकर कही बाहर जाने का मन नही होता है। और अगर थोड़ा सा भी पसर लिए, तब तो अल्लाह ही मालिक है। फ़िर तो चाहे कोई भी आवाज देता रहे, मैं और मेरी तन्हाई पीछा छोड़ने का नाम ही नही लेते। और अगर ऐसे मे अगर मजबूरन कुछ लाने बाहर निकलना हो और जेब मे पैसे न हों तो.... पहले अम्मा याद आती थीं, अब ऐ टी एम् या वो कार्ड खरोचने वाली मशीन याद आती है। कुछ ख्याली पुलाव भी मन मे घपर झोल करने लगे। सोचा की काश ऐसा होता की जो समान मांगना है, उसका फोन पर ही ऑर्डर हो जाता और फोन करने पर जो डिलीवरी बॉय आता , वो वही कार्ड खरोचने वाली मशीन भी साथ लाता। अब जब कैश लेस बनने का संकल्प किया ही है तो ससुर सब्जी और बंधानी हींग भी घर पे ही कैश लेस मिले। लेकिन फ़िर सोचे साला ऐसा अगर हो गया तो ससुर पूरे देस की हालत ही पतली हो जायेगी। ब्लैक मनी कहा जायेगी? अब तो स्विस बैंक वाले भी मांगने पर डिटेल दे देते हैं। लोकसभा चुनाव मे ये मुद्दा खूब सुने थे। की हमारे देस मे भी लोगो के स्विस बैंक अकाउंट की डिटेल लाने की मांग चल रहे है....कान लगा, बहुत याद किया, पिछले डेढ़ दो महीने से ऐसी कोई बहस तो सुनाई नही दी। का हुआ सबको? सब चुप कहे मार गए हैं भाई? हेरा गए हैं शायद। बहरहाल, सोचे की कैश लेस बनने पर और क्या क्या होता, अपना हिंदुस्तान बदलता न बदलता, लेकिन अपना इंडिया तो खूब बदलता। पता लगता की ससुर चोर और लुटेरे घर आयेंगे, डेबिट या क्रेडिट कार्ड खरोचने वाली मशीन साथ लायेंगे, मुस्कुराते हुए पिस्तौल निकालेंगे और सर कहकर कार्ड से पैसा अपने अकाउंट मे ट्रांसफर करेंगे और जय श्री राम हो जायेंगे। अरे हाँ, ये भी तो किसी का मुद्दा था? ' जय श्री राम !!'' कहाँ गया? सुनाई नही देता आजकल। ये देखिये, कार्ड खरोचन मशीन केता तो खतरनाक है। वैसे इंडिया को ये कार्ड खरोचन मशीन और आगे तक भी ले जा सकती है। राह चलते होल्ड अप करके कोई भी कार्ड खरोचन मशीन लेकर चाकू लगाकर कहेगा, ला बेटा, अंटी मे नही, कार्ड मे जो कुछ भी है निकाल के दे दे नही तो तेरे दिमाग से मेडिक्लेम का नंबर भुलवा दूंगा। मजाक नही है, अभी तीन दिन पहले मेरे एक दोस्त के साथ ऐसा ही हुआ, लुटेरो ने उन्हें कार मे लिफ्ट दी और ऐ टी एम् के सामने लेजाकर कोड पूछकर पैसे निकाल लिए। अहा...देश कैश लेस होने लगा है। सोचकर मन मे झुरझुरी सी हुई, फ़िर भी हिम्मत करके ऐ टी एम् तक जाना ही पड़ा। अब ताज़ी बीन्स कहा कार्ड खरोचन मशीन से घर बैठे आती है।
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kuch din me bank dakaiti bhi card se hi none lagegi, cashless ke yaho to fayde hain
ReplyDeleteaapka hamwatan
shyam singh
कहाँ हो भाई? आजकल तो फ़ोन भी नही करते... बहरहाल कार्ड से और भी काफ़ी कुछ हो सकता है अगर सोचा जाए...
ReplyDeletebhaiya deshdeepak, card se kaafi kuch ho sakta hai aur kaafi kuch soch bhi raha hoon...
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