Monday, August 17, 2009

कल सुबह ...


कल सुबह अच्छी होगी,
उजियाली और तरन्नुम से भरी,
रात के कोस कट जायेंगे.
दीवारें बंद कर देंगी हांफना,
और टिन के शेड भी होंगे ठंडे,
जिसमे चर्मरही खाट डालकर सो सकेंगे,
नहीं होगा डर, लाठी और बन्दूक का
बस एक कल की सुबह अच्छी हो जाय,
यकीनन,
कल की सुबह अच्छी होगी ।

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