मुझमें क्या कमी है...अगर ये सवाल है तुम्हारा तो मेरा जवाब है कि मुझमें एक नहीं, लाखों करोड़ों कमियां हैं। मैं संबंधों को समझने में गलत रहता हूं और निभाने में भी। मुझे नहीं पता कि नाप तौल के कैसे संबंध निभाते हैं। मेरी सबसे बड़ी कमी तो ये कि मैं गलत वक्त पर सही बात बोल देता हूं। मैं लापरवाह हूं और दूसरों के काम चुटकियों में और अपने काम सालों में भी नहीं करता। मेरी कमियों पर तो दुनिया के सारे कागज अधूरे पड़ेंगे।
No comments:
Post a Comment