Monday, January 27, 2014

चलते तो जाना ही है

ठीक है मैं टूटा। मैं मानता हूं कि मैं बुरी तरह से टूटा और लगातार टूट रहा हूं। दि‍न भर में जि‍तना बनाता हूं, दि‍न के एक पल में वो टूट जाता है और मैं फि‍र से बनाना शुरू कर देता हूं। वैसे टोटल देखो तो मैं बनाने के काम में ज्‍यादा लगा हूं। भले ही मेरा बनाया कि‍सी एक पल में खत्‍म हो जा रहा हो और मैं फि‍र से अपने आपको लुटा पि‍टा एक बि‍याबान सड़क पर खड़ा पाता हूं। ढाल और चढ़ाव से भरी सड़क। जि‍स पर मुझे चलते जाना है, गि‍र गि‍र के...घि‍सट घि‍सट के, पर चलते तो जाना ही है।

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