ऐसा लगता है कि बीजेपी सरकार जब तक देश की अर्थव्यवस्था का ओपड़ी गुड़गुड़ दी एन्क्स दी बेध्याना विमन्ग दी वाल आफ दी पाकिस्तान एन्ड हिन्दुस्तान आफ दी हट फिटे मुंह न कर ले, उसे चैन नहीं मिलने वाला। इस ओपड़ी दी गुड़गुड़ दी पाकिस्तान की ओर बीजेपी सरकार ने फाइनेंशियल रिजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इश्योरेंस बिल यानि कि एफआरडीआई बिल लाकर छलांग लगा दी है। इस बिल में एक रिजोल्यूशन कॉरपोरेशन बनाया जाएगा। इस कॉरपोरेशन में काम करने वाले ज्यादातर लोग केंद्र सरकार के होंगे। इसके तहत किसी बैंक की हालत पतली होने की हालत में जमाकर्ताओं और क्रेडिटर्स के पैसों को बैंक से उधार लेकर गड़प्प वाले डिफाल्टरों को बचाने में यूज करेंगे।
अभी तक इस तरह के कामों के लिए केंद्र सरकार के पास पैसा होता था। यही पैसा बैंकों के ‘बेल आउट’ के लिए यूज करते थे। अब ये बेल आउट को आउट कर देंगे और सोच रहे हैं कि बेल इन को इन कर दें। बेल इन करने पर जो जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती थी, जिसके लिए उसके पास पैसा होता था, वो हमारी जेब की है। अब कोई दिवालिया होगा तो सरकार बहादुर अपनी जेब से नहीं देंगे। बल्कि हमें अपनी जेब से देने होंगे। इसके लिए चाहे बैंक में पैसे जमा करने वाले हों या बैंक से लोन लेकर वह पैसे बैंक में रखने वाले हों, दोनों की जेब कुतरी जाएगी। बल्कि कुतरी क्यूं भई? ये बिल पास हो गया तो काटी जाएगी।
जारी--
Story- Pro. Prabhat Patnayak
अभी तक इस तरह के कामों के लिए केंद्र सरकार के पास पैसा होता था। यही पैसा बैंकों के ‘बेल आउट’ के लिए यूज करते थे। अब ये बेल आउट को आउट कर देंगे और सोच रहे हैं कि बेल इन को इन कर दें। बेल इन करने पर जो जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती थी, जिसके लिए उसके पास पैसा होता था, वो हमारी जेब की है। अब कोई दिवालिया होगा तो सरकार बहादुर अपनी जेब से नहीं देंगे। बल्कि हमें अपनी जेब से देने होंगे। इसके लिए चाहे बैंक में पैसे जमा करने वाले हों या बैंक से लोन लेकर वह पैसे बैंक में रखने वाले हों, दोनों की जेब कुतरी जाएगी। बल्कि कुतरी क्यूं भई? ये बिल पास हो गया तो काटी जाएगी।
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