16 मार्च को लखनऊ में होने वाले विकल्प मार्च के एजेंण्डे को
पहुंचाने के लिए शुरु हुई लखनऊ में नुक्कड़ सभाएं
लखनऊ 11 मार्च 2016। रिहाई मंच ने कहा है कि मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा
के दोषियों भाजपा विधायक संगीत सोम, सुरेश राणा समेत संघ परिवार के
लोगों को जिस तरह अखिलेश यादव ने बचाने की कोशिश की उसने सपा-भाजपा
के बीच के गठजोड़ को फिर से उजागर कर दिया है। लाटूश रोड स्थित रिहाई
मंच के कार्यालय पर आगामी 16 मार्च को होने वाले ‘जन विकल्प मार्च’ के
उद्देश्यों को आम जन के बीच और अधिक ले जाने के लिए हुई बैठक में यह
तय किया गया कि सपा-भाजपा के इस गठजोड़ को नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से
मुहल्ले-मुहल्ले जाकर बताया जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि भाजपा विधायक संगीत सोम जिन्होंने फर्जी
वीडियो अपलोड कर मुजफ्फरनगर, शामली और आस-पास के जिलों में सांप्रदायिक
हिंसा भड़काई उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी है यह बात उस
दिन ही साफ हो गई थी कि जब सोम और राणा के ऊपर से सपा सरकार ने रासुका
हटावाई थी। मंच ने कहा कि सरकार कहती है कि उसके पास सबूत नहीं हैं पर
रिहाई मंच ने संगीत सोम और सुरेश राणा जो साइबर क्राइम के तहत जेल में बंद
होने के बावजूद जेल से भड़काऊ संदेश प्रसारित कर रहे थे, के खिलाफ
अमीनाबाद कोतवाली में जब तहरीर दी तो आखिर सरकार ने क्यों नहीं मुकदमा
दर्ज किया। सांप्रदायिकता विरोधी होने को जो विज्ञापन अभियान मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव चला रहे हैं उन्हें बताना होगा कि मुसलमानों की गर्दन
काटने वाला बयान देने वाले वरुण गांधी को क्यों उन्होंने बरी करवाया।
उन्हें बताना होगा कि भाजपा सांसद आदित्यनाथ जो कि मुसलमानों की हत्या
और बच्चियों को उठाने की धमकी देते हैं आखिर सबूत होने के बावजूद
उन्होंने अब तक आदित्यनाथ पर क्यों नहीं कार्रवाई की।
वक्ताओं ने कहा कि जब सरकार के चार साल पूरे होने को हैं तो ऐसे में इसके
कृत्यों का पूरा लेखा जोखा आम जन के बीच ले जाना सबसे अहम कार्य है। सूबे
की अवाम अब तक नहीं भूली है कि किस तरह से सपा सरकार बनते ही कोसी कलां में
जुड़वा भाई कलुवा और भूरा को जिंदा जला दिया गया, किस तरह से अस्थान
में मुसमलमानों को टारगेट कर पूरे गांव को जला देने के बाद ईमानदार
पुलिस अधिकारी सीओ जिया उल हक की सपा के संरक्षण में रघुराज प्रताप सिंह ने
नृशंस हत्या करवाई। किस तरह आगरा में चर्च पर तो फैजाबाद में मस्जिद में
आग लगाकर पूरी साझी शहादत-साझी विरासत की परंपरा को नेस्तानाबूत इस सरकार ने
किया।
बैठक में तय किया गया कि अंबरगंज वार्ड, मोअज्जम नगर, चिकवा नगर, तकिया, राईन
नगर, चिक मंडी, बिलौजपुरा, रिफाह ए आम, मौलवी अनवार बाग, हजरत गंज, लाल बाग,
अकबरी गेट, दुबग्गा, लाल कुंआ, कसाई बाड़ा, बास मंडी, जनता नगरी, सदर,
चैधरी गड़या, मछली मोहाल, फूलबाग आदि जगहों पर लखनऊ में नुक्कड़
सभाओं का आयोजन 16 मार्च को होने वाले ‘जन विकल्प मार्च’ के मद्देनजर
किया जाएगा।
बैठक में रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, राजीव यादव, शाहनवाज आलम,
सैयद मोईद अहमद, अमित मिश्रा, अबू जर किदवई, अनिल यादव, अब्दुल मोईद
कासमी, मो0 खालिद आजमी, सैयद मो0 वसी, खालिद कुरैशी, तारिक शफीक,
विनोद यादव, शबरोज मोहम्मदी, मोहम्मद शादाब, हाजी फहीम सिद्दीकी, राम
कृष्ण, मो0 आफाक, डा0 एम डी खान, इसहाक व अन्य मौजूद थे।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
पहुंचाने के लिए शुरु हुई लखनऊ में नुक्कड़ सभाएं
लखनऊ 11 मार्च 2016। रिहाई मंच ने कहा है कि मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा
के दोषियों भाजपा विधायक संगीत सोम, सुरेश राणा समेत संघ परिवार के
लोगों को जिस तरह अखिलेश यादव ने बचाने की कोशिश की उसने सपा-भाजपा
के बीच के गठजोड़ को फिर से उजागर कर दिया है। लाटूश रोड स्थित रिहाई
मंच के कार्यालय पर आगामी 16 मार्च को होने वाले ‘जन विकल्प मार्च’ के
उद्देश्यों को आम जन के बीच और अधिक ले जाने के लिए हुई बैठक में यह
तय किया गया कि सपा-भाजपा के इस गठजोड़ को नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से
मुहल्ले-मुहल्ले जाकर बताया जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि भाजपा विधायक संगीत सोम जिन्होंने फर्जी
वीडियो अपलोड कर मुजफ्फरनगर, शामली और आस-पास के जिलों में सांप्रदायिक
हिंसा भड़काई उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी है यह बात उस
दिन ही साफ हो गई थी कि जब सोम और राणा के ऊपर से सपा सरकार ने रासुका
हटावाई थी। मंच ने कहा कि सरकार कहती है कि उसके पास सबूत नहीं हैं पर
रिहाई मंच ने संगीत सोम और सुरेश राणा जो साइबर क्राइम के तहत जेल में बंद
होने के बावजूद जेल से भड़काऊ संदेश प्रसारित कर रहे थे, के खिलाफ
अमीनाबाद कोतवाली में जब तहरीर दी तो आखिर सरकार ने क्यों नहीं मुकदमा
दर्ज किया। सांप्रदायिकता विरोधी होने को जो विज्ञापन अभियान मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव चला रहे हैं उन्हें बताना होगा कि मुसलमानों की गर्दन
काटने वाला बयान देने वाले वरुण गांधी को क्यों उन्होंने बरी करवाया।
उन्हें बताना होगा कि भाजपा सांसद आदित्यनाथ जो कि मुसलमानों की हत्या
और बच्चियों को उठाने की धमकी देते हैं आखिर सबूत होने के बावजूद
उन्होंने अब तक आदित्यनाथ पर क्यों नहीं कार्रवाई की।
वक्ताओं ने कहा कि जब सरकार के चार साल पूरे होने को हैं तो ऐसे में इसके
कृत्यों का पूरा लेखा जोखा आम जन के बीच ले जाना सबसे अहम कार्य है। सूबे
की अवाम अब तक नहीं भूली है कि किस तरह से सपा सरकार बनते ही कोसी कलां में
जुड़वा भाई कलुवा और भूरा को जिंदा जला दिया गया, किस तरह से अस्थान
में मुसमलमानों को टारगेट कर पूरे गांव को जला देने के बाद ईमानदार
पुलिस अधिकारी सीओ जिया उल हक की सपा के संरक्षण में रघुराज प्रताप सिंह ने
नृशंस हत्या करवाई। किस तरह आगरा में चर्च पर तो फैजाबाद में मस्जिद में
आग लगाकर पूरी साझी शहादत-साझी विरासत की परंपरा को नेस्तानाबूत इस सरकार ने
किया।
बैठक में तय किया गया कि अंबरगंज वार्ड, मोअज्जम नगर, चिकवा नगर, तकिया, राईन
नगर, चिक मंडी, बिलौजपुरा, रिफाह ए आम, मौलवी अनवार बाग, हजरत गंज, लाल बाग,
अकबरी गेट, दुबग्गा, लाल कुंआ, कसाई बाड़ा, बास मंडी, जनता नगरी, सदर,
चैधरी गड़या, मछली मोहाल, फूलबाग आदि जगहों पर लखनऊ में नुक्कड़
सभाओं का आयोजन 16 मार्च को होने वाले ‘जन विकल्प मार्च’ के मद्देनजर
किया जाएगा।
बैठक में रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, राजीव यादव, शाहनवाज आलम,
सैयद मोईद अहमद, अमित मिश्रा, अबू जर किदवई, अनिल यादव, अब्दुल मोईद
कासमी, मो0 खालिद आजमी, सैयद मो0 वसी, खालिद कुरैशी, तारिक शफीक,
विनोद यादव, शबरोज मोहम्मदी, मोहम्मद शादाब, हाजी फहीम सिद्दीकी, राम
कृष्ण, मो0 आफाक, डा0 एम डी खान, इसहाक व अन्य मौजूद थे।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
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