Wednesday, March 16, 2016

पढ़ि‍ए कन्‍हैया के भाषण की प्रमुख बातें

जो दोस्त और दुश्मन 15 मार्च की रैली में कन्हैया का भाषण सुनने चूक गए थे, चाहें तो एक घंटे में सुन सकते हैं या 10 मिनट में पढ़ भी सकते हैं... (लिखित में इसलिए कि यूट्यूब से एक भाषण डिलीट कर दिया गया है)
वैसे, लड़का मोदी जी से भी ज्यादा अपडेट रहता है...
(भरत सिंह)
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1- एक बार नेहरू जी एक गांव में गए, लोग भारत माता की जय कह रहे थे। नेहरू ने पूछा भारत माता की जय से क्या समझते हो? किसी ने कहा मिट्टी की जय, किसी ने देश की जय, किसी ने कहा झंडे की जय। नेहरू ने जवाब दिया- नहीं, तुम्हारी जय ही भारत माता की जय है।

2- ये लोग कहते हैं जेएनयू में देशद्रोही हैं। नहीं मोदी जी, हम आरएसएस के खिलाफ द्रोह कर रहे हैं। जिस देश में सरसंघचालक कहते हैं, महिलाओं को घर से नहीं निकलना चाहिए, हम कहते हैं कि महिलाओं को घर से निकलना चाहिए।
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3- इस देश के अंदर पहले छात्रों और सेना को बांटने की कोशिश की गई, फिर सेना और व्यापारियों को बांटने की कोशिश की गई। माननीय मोदी जी ने कहा, सेना से ज्यादा रिस्क व्यापारी लेते हैं। हम कहते हैं मोदी जी, इस देश को बचाने के लिए फुटपाथ पर काम करने वाला, खेतों में काम करने वाला, बाजारों में काम करने वाला या सीमा पर जान देने वाला ही सबसे ज्यादा रिस्क ले सकता है। आप बांट नहीं सकते हमको...। आप में बहुत सारे लोग कार चलाते होंगे, कभी तय कर पाए हो कि ब्रेक ज्यादा जरूरी है कि हॉर्न ज्यादा जरूरी है। आप तय नहीं कर सकते। ये कौन तय करते हैं? ये वही तय करते हैं, जिनको हाफ पैंट से फुल पैंट होने में सालों लग गए।

4- ...कहते हैं सरकारी स्कूलों को बंद कर देना चाहिए, उद्घाटन में थे माननीय मोदी जी...। कहते हैं, सरकारी स्कूल में पढ़ने वालों को ज्ञान नहीं होता। मंगलयान पर 56 इंच की छाती चौड़ी कर रहे थे जनाब। जो भेजे हैं मंगलयान को, वे सब सरकारी स्कूलों में पढ़े हैं। जेएनयू भी सरकारी है, आईआईटी भी सरकारी है, आईआईएम भी सरकारी है, जो इस देश का टॉप संस्थान माना जाता है। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं और तो और इस देश का संसद और राष्ट्रपति भवन भी सरकारी है।

5- आपने आजकल आपने हाथ में तिरंगा झंडा उठाया है। बहुत खुशी की बात है। 47 में जलाया था जनसंघ ने, भाजपा ने उठाया है 2016 में। कई साल लग गए संघ को अपने कार्यालय में तिरंगा फहराने में। हम तो 47 से झंडा फहरा रहे हैं, हमको झंडे की कीमत पता है। यह झंडा बनता किससे है? झंडा बनता है कपास से। कपास को उगाता कौन है? किसान। आज अत्महत्या कौन कर रहा है? कपास को उगाने वाला किसान। अगर आप झंडे का सम्मान करना चाहते थे तो वन रैंक-वन पेंशन को लागू कर देना चाहिए था, आपने सैनिकों पर डंडे बरसा दिया। सेवंथ पे कमिशन लागू कर देना चाहिए था अब तक...।

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6- हम तो विद्यार्थी हैं। मेरे बारे में कहा जा रहा है कि सब्सिडी का पैसा खा रहा है। अरे साहब, सब्सिडी का पैसा खिलाकर आपने जिसको सांसद बनाया था, वह तो लंदन चला गया...। हमारा काम तो पढ़ना है, हम पढ़ रहे हैं। ...वीरता इतनी ही जरूरी है आपके लिए और आपके समय में लगता है कि भगत सिंह वाली वीरता होनी चाहिए तो 23 बरस में भगत सिंह फांसी चढ़ गए थे, आप एमपी क्यों बने हुए हैं?

7- बहुत ही साधारण तरीके का बजट पेश किया गया माननीय वित्त मंत्री के द्वारा और बीजेपी के लोगों ने कहा, असाराधारण बजट पेश हुआ है। वैसे बीजेपी जो कर रही है इस समय देश में वह ऐतिहासिक ही है। पहली बार ऐसा हुआ है कि जो लोग हमारा भविष्य तय कर रहे हैं वे खुद ही विश्वविद्यालय नहीं गए। बजट आने से पहले सेंसेक्स गिर गया, बजट आते ही सेंसेक्स उछल गया, मगर मेरी मां जब झोला लेकर बाजार में गई तो न दाल के दाम कम हुए थे और न आटे के।

8- मोदी जी अगर सुन रहे हैं तो सुन लीजिए। मोदी जी ने कहा है कि भाषण देने से कोई अच्छा नेता नहीं बनता, ये बात आप पर भी लागू होती है...। दो साल सरकार को हो गए, न अच्छा दिन दिखा, न अच्छी रात दिखी। दिन कमाने में निकल जाता, रात भूख मिटाने में निकल जाती। न दिन अच्छा, न रात अच्छी, किसका साथ, किसका विकास? जानें मोदी जी, किसने दिया साथ, किसका हो रहा विकास? खाता तो खुलवाया गया जनधन योजना में, पर 15 लाख रुपया नहीं आया। और आप ऐसा मत कहिए कि बीजेपी कुछ कर नहीं रही है। बीजेपी कह रही है, मंदिर वहीं बनाएंगे, पर डेट नहीं बताएंगे...। हम सब लोग स्कूलों में पढ़े हैं। भारत का इतिहास पढ़े हैं। उस देश के इतिहास में कहीं भी आरएसएस नहीं मिलता जो आजादी के लिए लड़ा हो।

9- (भाषण के बीच में हमला होने पर) ये लोग यहां आए हैं, इनको आने दीजिए। अगर ये आएंगे नहीं तो देश को पता नहीं चलेगा कि देश में असली देशभक्त कौन है और देश को बेच कौन रहा है। कोई इंसान मुझे तब मारने आता है जब मैं देश की बात कर रहा होता हूं। आज वह समय आ गया है आप जब देशभक्ति और मोदीभक्ति में फर्क करें...। मैं संविधान की बात करता हूं तब भी किसी को मिर्ची लगे तो ये भरम मत पालना कि ये देशभक्त है। मान लेना कि तीन साल सरकार बची है, कहीं न कहीं सेट होने का जुगाड़ लगा रहा है। हम को थप्पड़ मारकर किसी का करियर बन जाए! मोदी जी तो रोजगार दे न पाए, शायद इससे ही किसी का जीवन सेटल हो जाए..

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10- पूरे विमर्श में बुलेट ट्रेन पता नहीं कहां चली गई, काला धन पता नहीं कहां चला गया। यह सवाल आया ही नहीं कि इस देश की जनता ने चायवाले के बेटे को प्रधानमंत्री बना दिया, पर वो साहब परिधान मंत्री बनकर करोड़ों रुपया उड़ा रहे हैं। इसलिए हमपर हमला होता है, क्योंकि हम कहते हैं गुजरात तो आपने करा दिया, आगे नहीं कराने देंगे...। दंगा करना इनका धंधा है, इसे कभी भी धर्म की रक्षा से जोड़कर मत देखिएगा। देशभत्ति को मोदीभक्ति में बदलने का कन्वर्टर इनके पास है, इस सॉफ्टवेयर में कभी मत फंसिएगा।

11- जो ये कहते हैं, वह नहीं करते हैं, जो ये कह रहे हैं वह तो कभी नहीं करते हैं। विकासपुरुष बनकर वोट लिया अब यूपी चुनाव में कह रहे हैं कि देश खतरे में है। दो साल से सरकार आपकी है। 2 से 80 पर आए, 80 से 180 पर आए, 180 से 283 पर आए तब भी देश नहीं बचा पाए, क्योंकि आपको देश नहीं अपनी कुर्सी बचानी है।

12- कोई दो लाइन की शायरी लिखता है तो उसका देशभक्ति का सर्टिफिकेट छीन लेते हैं। कोई मंच पर कहता है कि सर कलम करके ले आओ तो उसे विधायक बना दिया जाता है। कुछ लोगों को पीटने को कुछ नहीं मिलता तो घोड़े पर फस्ट्रेशन निकाल देते हैं...।

13- कोई मरता है तो शौक से नहीं मरता है, कोई गरीब है तो ये उसका भाग्य नहीं है, कोई बेरोजगार है तो ये उसकी नियति नहीं है। आप मानिए इस बात को कोई किसी को मरने पर मजबूर कर रहा है, कोई किसी को बेरोजगार बना रहा है, कोई किसी को गरीब बनाकर रखना चाहता है।

14- हम बोलेंगे तो ये बोलेंगे कि बोलता है, इसलिए हम नहीं बोलेंगे। इनका अपना भारतीय मजदूर संघ है, जो बीजेपी की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतर रहा है। इनका अपना किसान संघ है, जो भूमि अधिग्रहण के खिलाफ सड़कों पर उतर रहा है। आप चेक कर लीजिए, खबरों में आया है। ये किसी के नहीं हैं, न हमारे न तुम्हारे....।

15- आजकल इन्होंने नया दुश्मन बनाया है। पहले ये पाकिस्तान के नाम पर वोट मांते थे। अब पाकिस्तान जाकर जबसे ये चाय पीकर आ गए हैं तो ये हिंदुस्तान में ही पाकिस्तान बनाना चाहते हैं। आजकल जेएनयू वालों को कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ। भाई साहब, कुछ दिन अगर आप इस देश में रह गए तो हिंदुस्तान को ही पाकिस्तान बना दोगे।

16- ...तुम कर क्या सकते हो? तुम्हारे पास तीन हजार रुपये में बहाल साइबर सेल है। अगर मेरी आवाज उनतक पहुंच रही हो तो मैं उनसे भी कहना चाहता हूं, मत कीजिए, तीन हजार में नौकरी। कहिए मोदी जी को आपके पास बहुत पैसा है। मुझे 30 हजार का वेतन दीजिए। तब मैं जेएनयू वालों को गाली दूंगा। तीन हजार में गाली नहीं देने वाला हूं। कोई जेएनयू को लाइक करता है, उसे भी गाली देते हैं, उसकी मां-बहन को भी गाली देते हैं, उसके घरवालों को गाली देते हैं, दोस्तों को देते हैं। कहिए कि इतनी गाली हम तीन हजार में नहीं देंगे...। ऐसा करोगे तो जेएनयू में सबसे पहले तुमहारे हक में जत्था निकलेगा।

17- बीजेपी के एक नेता ने कहा कि किसान आत्महत्या आजकल फैशन से कर रहे हैं, पैकेज लेने के लिए कर रहे हैं। मैं उनसे कहता हूं कि अगर आप किसानी किए हैं तो एक बार आप भी इस फैशन को अपना लीजिए, आपको भी पैकेज मिल जाएगा।

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18- जब पूरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था तो ये बैठकर अंग्रेजों से सेटलमेंट कर रहे थे। इसलिए अंग्रेजों ने इनको राज करने का एक मंत्र दिया है- फूट डालो, राज करो।

19- एक न्यूज चैनल है... हमने कहा, भाई साहब एक-एक सेकंड का ऐड दिखाने में करोड़ों रुपया लेते हो तो पूरे के पूरे प्राइम टाइम के लिए कितना पैसा मिला है, बता दो। उन्होंने बोला कि हम देश के पक्ष में बोल रहे हैं, हमने कहा कि देश की राजधानी नागपुर है कि दिल्ली और देश क्या है, ये कौन तय करेगा, ये भाजपा ऑफिस से तय होगा कि संविधान से। अगर यह देश संविधान से तय होगा तो तुम जिम्मेदार हो इस देश में नफरत फैलाने के लिए। ये बात मैंने कही थी 11 तारीख को। 12 तारीख को मुझे गिरफ्तार किया गया। 11 तारीख को मैंने अपने दोस्तों से कहा था कि यह बहुत मुश्किल समय है, फासीवाद कोई ढोल-ड्रम बजाकर नहीं आएगा, अंग्रेजी बाजा बजाकर नहीं आएगा। धीरे-2 आपके घर में घुस जाएगा। घर में घुस जाएगा तो सिर्फ जेएनयू के लिए परेशानी नहीं होगी, नोएडा के फिल्मसिटी में भी आएगा और आपकी स्क्रिप्ट लिखकर जाएगा। आप स्क्रिप्ट से अलग दिखाएंगे तो आपको प्रेस्टिट्यूट कहा जाएगा, जो कहा जा रहा है साइबर सेल के द्वारा। आपको देश का दलाल कहा जाएगा, जो कहा जा रहा है कुछ पत्रकारों को। और ये सिर्फ कहने से नहीं मानते हैं, क्योंकि इनके लिए डराना जरूरी है और जो डरता नहीं है ये गोली चलाते हैं, गांधी की तरह। ये बात 11 तारीख को इनको कही थी और 15 तारीख को पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों के ऊपर हमला किया गया... ये कौन सी भक्ति है, देशभक्ति तो कतई नहीं...

20- कहते हैं कि हम विवेकानंद को मानते हैं। मानेंगे विवेकानंद की उस बात को कि उन्होंने कहा था, किसी गरीब के सामने आध्यात्म की बात करना सबसे बड़ा अपराध है। इसीलिए जबसे ये आए हैं, विवेकानंद के नाम पर कोई योजना नहीं है, दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर योजना बनी है। कहते हैं, भगत सिंह का देश है। हम भी कहते हैं, अगर मानते हो इस बात को तो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम बदकर मंगल सेन के नाम पर क्यों कर दिए भाई साहब? तुमसे भगत सिंह नहीं बर्दाश्त होंगे क्योंकि भगत सिंह कहते थे कि गोरे चले जाएंगे और काले आ जाएंगे..।

21- ये कहते हैं कि सरकार के खिलाफ बहुत बोला जा रहा है.. सरकार के खिलाफ न बोलें तो विपक्ष के खिलाफ बोलें। सरकार में आप हो, पीएम आप हो, नीतियां आप बनाते हो, शिक्षा मंत्री आप हैं , ससंद में झूठ आप बोलते हैं और हम बोलें विपक्ष के खिलाफ?

22- इनको लोकतंत्र बिल्कुल पसंद नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार का नाम बदल करके मोदी सरकार कर दिया है। पहले केंद्र सरकार बोलते थे, आजकल मोदी सरकार बोलते हैं, सुन करके लगता है कि एक आदमी देश चला रहा है।

23- लोकतंत्र पर पहला हमला- जो 10वीं पास नहीं है, चुनाव नहीं लड़ सकता। कल को कह देना कि कि जिसके पास पांच लाख का सूट नहीं है, वह वोट नहीं दे सकता...। लोकतंत्र में लोक का ही राज होगा। लोक अगर मूर्ख है तो मूर्ख का ही राज होगा, गरीब है तो गरीब का ही राज होगा, दलित है तो दलित का ही राज होगा।

24- अगले साल यूपी में चुनाव हैं, वहां जाओगे तो लोग आपका देशभक्ति का सर्टिफिकेट चेक नहीं करेंगे, वे आपका रिपोर्ट कार्ड चेक करेंगे। वे कहेंगे कीमतें तो नहीं घटीं, पईसा भी नहीं आया। तब क्या कहोगे? जेएनयू में देशद्रोहियों से लड़ रहे थे? तब हम भी आएंगे और बताएंगे कि ये हमको देशद्रोही क्यों बनाए हैं, क्योंकि हमने इनसे 15 लाख रुपया मांगा।

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25- ... पहले र से रथ पढ़ाया जाता था अब कुछ और पढ़ाया जा रहा है। म से कुछ और पढ़ाया जा रहा है, अ से कुछ और पढ़ाया जा रहा है गुजरात के स्कूलों में। ...विद्यार्थी तय करे कि उसका सिलेबस क्या होगा। टीचर तय करे कि उसका और विद्यार्थी का संबंध क्या होगा। पूरा विश्वविद्यालय तय करे कि उसका वाइस चांसलर कौन होगा।

26- ...आपसे खुले में कहते हैं कि अगर अपना वादा पूरा कर दिया तो आपसे नफरत नहीं रहेगी। मेरा अकाउंट नंबर है, आप 15 लाख भेज दीजिए, महंगाई कम कर दीजिए, महिलाओं पर अत्याचार कम कर दीजिए और बुलेट ट्रेन चलाइएगा तो उसके टिकट का दाम इतना रखिएगा कि फुटपाथ पर काम करने वाला भी गंदले कपड़े में जाकर उसमें बैठ सके...। आपके खिलाफ बोलने का हमको ठेका नहीं मिला है। हमको इतनी फुर्सत नहीं है कि अपनी पढ़ाई-लिखाई छोड़कर आपमें अपना दिमाग लगाते रहें।

27- ...दरअसल आपने हमारी पूरी बुनियाद ही हिला दी है, आपने हमारे संविधान को ही पलट दिया है। देखते-देखते चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई है, कल को वोट देने पर पाबंदी लगा देंगे। इसलिए आज हम यहां से कह देते हैं, वोट हमारा-राज तुम्हारा, नहीं चलेगा-2।

28- जैसे वोट के वक्त आप हाथ जोड़कर आते हैं, वैसे ही हम हाथ जोड़कर आपको कहना चाहते हैं कि जैसे हमारा वोट और धीरू भाई अंबानी के बेटे का वोट बराबर है, तो हमरा घर का बच्चा और उनके घर का बच्चा एक ही स्कूल में पढ़ सके, ऐसा कर दो।

29- हम जो भी चीज खरीदते हैं, आप उन सबमें लेते हैं इनक्लूसिव टैक्स। टैक्स जाता कहां है, आपके कोष में। उसका आप करते क्या हैं, बेलआउट पैकेज देते हैं माल्या जी को और मोदी जी को। ये प्रधानमंत्री वाले नहीं...दूसरे वाले। दोनों देश छोड़कर चले जाते हैं तो देशभक्त हैं। हम अपना अधिकार मांगते हैं तो देशद्रोही हैं। ये पैमाना नहीं चलेगा। एक देश में दो पैमाना नहीं चलेगा-2।

30- और स्मृति जी, आप तो बहुत संस्कार की बात करती हैं। सच में आगर आपके अंदर इतना संस्कार है तो थोड़ा सा मान दीजिए। आपने जो गलती की है, जो भी सही लगे आपको, अगर इस्तीफा दे सकती हैं तो वही कर दीजिए, माफी मांग सकती हैं तो वही कर दीजिए।

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